5 Simple Statements About गणेश आरती Explained

↑ "विस्मृत हो चुके हैं भगवान शिव की आरती ओम जय जगदीश... के रचयिता". बिज़नेस स्टैंडर्ड. ३० सितम्बर २०१३. अभिगमन तिथि १७ अप्रैल २०१४.

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।

अर्थ- श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात् आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।

भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके click here सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।

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रोग निवारण: शिव जी की आरती का नियमित पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण हो सकता है और व्यक्ति की दृढ़ स्वास्थ्य और ऊर्जा बनी रहती है.

व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।

अर्थ- आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ हर हर हर महादेव॥

॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।नीलाम्बर धार...

अर्थ- शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

चंदन का तिलक (ब्रह्मा), मृगमद कस्तूरी का तिलक (विष्णु), और चंद्रमा शिव के मस्तक पर सुशोभित है।।

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